हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी 21 जून को विश्व Yoga Day 2021 मनाया जायेगा। वैसे तो हर एक तारीख को कोई ना कोई दिवस मनाया जाता है और लोग उस दिवस को सिर्फ सोशल मीडिया पर सेलीब्रेट करके भूल जाते हैं।
अगर आप भी योगा दिवस को सिर्फ एक दिन सेलीब्रेट करके भूल जाते हैं तो आप बहुत बडी भूल कर रहे हैं।
इस लेख में मैं आपको बताउंगा कि आप अपने दैनिक जीवन में योग को शामिल नहीं करके कितनी बडी भूल कर रहे हो।
वैसे आप बिगनर हैं तो आपके मन में योग को लेकर कई प्रकार के सवाल आते होंगे, जैसे कि योग को शुरूआत लेवल पर कैसे किया जाय या फिर कितने समय तक किया जाय आदि।
इन्ही सब प्रश्नों का उत्तर आपको इस लेख में मैं देने वाला हूं। इसके साथ-साथ मैं अपने अनुभव भी साझा करूंगा कि मैंने योग की शुरूआत कैसी की थी और योग करने से मुझे क्या क्या लाभ हुआ है, तो चलिये सबसे पहले जान लेते है कि-
योग क्या है | what is yoga
योग शब्द का मतलब होता है जुडना, जो संस्कृत के युज शब्द से बना है। जिसे प्रथम आदियोगी भगवान शिव ने समस्त मानव जाति को अशीर्वाद स्वरूप प्रदान किया था।
योग को प्राचीन सभ्यता में महर्षि पतंजलि के द्वारा प्रचारित किया गया था। लेकिन एक हजार साल से भी ज्यादा चलने वाले गुलामी के दौर ने भारतीय संस्कृति को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया।
जिससे भारतीय संस्कृति पर पश्चिम देशों की संस्कृति हावी होने लगी और लोग योग को छोडकर जिम अपनाने लगे। लेकिन कोरोना काल में योग का प्रभाव देखकर देश में ही नहीं,
अपितु विदेशों में भी लोग अपने दैनिक जीवन में योग को शामिल करने लगे हैं। कोरोना से ग्रसित लोगों को स्वस्थ बनाने में योग बहुत ही कारगर साबित हुआ।
योग सनातन धर्म की एक ऐसी व्यवस्था है, जिसके माध्यम से आप परमात्मा को पाने क मार्ग ढूंढ सकते हैं। योग आपके शरीर के साथ-साथ आपके मन को भी स्वच्छ बनाने में सहायता करता है।
योग की मदद से आप एक लम्बा और स्वस्थ जीवन जी सकते हो। योग के बारे में एक बात पूर्णत: सत्य है कि योग के सहारे कई योगियों ने सैकडों वर्षो तक एक स्वस्थ जीवन बिताया है जैसे कि परमहंस योगीराज देवरहा बाबा।
योग दिवस 21 जून को ही क्यों मनाया जाता है
11 दिसंबर 2014 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में 21 जून को विश्व Yoga Day मनाये जाने के लिये एक प्रस्ताव रखा, जिसे संयुक्त राष्ट्र महासभा के लगभग-लगभग सभी देशों ने सर्वसम्मति से पास कर दिया
और 21 जून 2015 को पहला विश्व योग दिवस के रूप में मनाया गया। तभी से हर वर्ष 21 जून को विश्व Yoga Day के रूप में मनाया जाने लगा।
वैसे तो आप, योग प्रतिदिन कर सकते हैं, लेकिन 21 जून को ही Yoga Day के रूप में चुनने का सबसे बडा कारण यह है कि वर्ष का सबसे लंबा दिन इसी तारीख को होता है।
यदि भौगोलिक दृष्टि से देखा जाये तो उत्तरी गोलार्ध पर सूर्य की रोशनी 21 जून को सबसे ज्यादा पड़ती है, जिस कारण 21 जून को सबसे लंबा दिन और सबसे छोटी रात होती है।
योग दिवस की इस वर्ष थीम| Yoga day 2021 theme
इस वर्ष Yoga Day की थीम योग के साथ रहें, घर पर रहें है
योग के प्रकार –kinds of yoga
योग के मुख्यत: तीन चरण हैं, जो निम्न है-
1 आसन
2 प्रणायाम
3 ध्यान
इन तीनों को बताये गये क्रम में करके आप योग को प्राप्त कर सकते हैं। यहां पर योग का मतलब है परमात्मा को पाना है।
योग कैसे करें |How to do yoga
आप चाहे योग के क्षेत्र में नये हों या फिर योग को लंबे समय से कर रहे हैं, इस क्रम को आपको जान लेना जरूरी है कि आसन, प्राणायाम और ध्यान कैसे किया जाता है।
प्राय: मैंने देखा है कि जो भी लोग योग के बारे में जानकारी देते हैं,
वो कभी भी इन तीनों चरणों को क्रमबद्ध तरीके से नहीं बताते हैं कि आपको शुरुआत किस चरण से करना है और क्यों करना है।
जिससे आपको योग का पूरा लाभ नहीं मिल पाता है इसलिए आप इस बात का जरूर ध्यान रखें कि शुरुआत आसन से करें, जिससे आपका शरीर प्राणायम के लिए तैयार हो जाये।
जब तक आपके फेफडों में फैलाव नहीं आयेगा, तब तक आप अपने अंदर सांसों को ज्यादा नहीं भर पायेंगे,
इसलिए शुरुआत के लेवल पर आपको निम्न आसनों से शुरुआत करनी है:-
- माजिरी आसन-
- धनुरासन
- बालक आसन
- अधोमुखश्वान आसन
इन आसनों को करने के बाद आपको प्राणायाम करना है। प्राणायाम करते वक्त एक बात का जरूर ध्यान रखें
कि सांसों को बहुत धीरे-धीरे लें ताकि आप ज्यादा ऑक्सीजन अपने अंदर भर पायें।
प्राय: यह देखा जाता है कि जो भी लोग प्राणायाम के बारे में बताते हैं वे यह बताना भूल जाते हैं कि प्राणायाम में हमेशा सांसों को धीरे-धीरे लेना चाहिए।
प्राणायाम में सांसों को धीरे-धीरे लेने से आपके अंदर चन्द्र नाड़ी सक्रिय हो जाती है, जिससे आप Relex होते हैं और आप तत्क्षण अपने मन के विचारों से छुटकारा पा जाते हैं।
आपको निम्न प्राणायम करना चाहिए:-
- नाड़ी शोधन प्राणायाम
- भ्रामरी प्राणायाम
- वशिष्ठ प्राणायाम
प्राणायाम के बाद अब आपको ध्यान में बैठना है। ध्यान का मतलब है सिर्फ अपनी सांसों के आने-जाने की प्रक्रिया को महसूस करना।
इससे आपके मस्तिष्क में चल रहे विचार रुक जाते हैं और मस्तिष्क विचार शून्य हो जाता है,
जिसका परिणाम यह होता है कि आप धीरे-धीरे समाधि की ओर अग्रसर होने लगते हैं, लेकिन समाधि शुरुआत के स्तर पर संभव नहीं है।
पर यदि आप समाधि का अनुभव करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको ध्यान में निरंतरता लानी होगी और वह भी धैर्य के साथ।
योग के प्रति मेरा अनुभव
आज से लगभग 4-5 साल पहले की बात है, असंतुलित भोजन और अनियमित दिनचर्या के चलते मेरी ऑखों की रोशनी कम हो गयी थी,
जिससे मुझे दूर की चीजे देखने व दूर की लिखावट पढ़ने में समस्या होने लगी।
डॉक्टर को दिखाया तो मुझसे कहा गया कि आपकी नजर कमजोर हो गयी है और मुझे चश्मा लगाने के लिए कहा गया।
मेरी ऑखों की जॉच हुयी और जिस पावर पर मुझे ठीक दिखाई दिया उस पावर का चश्मा मुझे लग गया,
पर जिस पावर पर मेरा चश्मा टेस्ट हुआ था वह कुछ दिन के बाद बढ़ गया, जिससे मुझे इस बात को लेकर भारी चिंता हुयी कि अगर ऐसे ही मेरे चश्में का पावर बढता रहेगा तो
मुझे बहुत मोटे लेंस का चश्मा लगाना पडेगा और फिर मैं बिना चश्मा के नजदीक की वस्तुओं को भी नहीं देख पाउंगा। तब मैंने यह सर्च करना शुरु किया कि ऑखों की रोशनी को कैसे बढाया जा सकता है।
एक दिन मैं बुक स्टाल पर किताब लेने गया तो वहॉ मुझे एक किताब दिखाई दी जिसका शीर्षक था ‘ऑखों की रोशनी कैसे बढ़ायें’
उस किताब को मैंने खरीद लिया और फिर उसमें दिये गये निर्देशों का पालन करने लगा जिसमें यह बताया गया था कि सबसे पहले आप अपने खान-पान का ध्यान दें और अपने दैनिक जीवन में योग को शामिल करें।
तभी से मेरे जीवन में योग की शुरुआत हुयी। शुरुआती दिनों में मुझे योग करते हुये आलस्य आता था और योग न करने के लिए नित नये बहाने खोजा करता था,
लेकिन धीरे-धीरे जब मुझे योग करते हुये एक महीना हुआ तो मेरी रुचि योग में बढ़ने लगी, क्योंकि मैं पूरा दिन एक नयी Energy से भरा हुआ अपने आप को महसूस करता था,
इसलिए फिर मैं योग को बहुत सही तरीके से करने का प्रयास करने लगा, जिससे मेरे जीवन में बहुत सारे सकारात्मक बदलाव आये,
जिसमें सबसे पहला तो ये था कि जिस कारण से मैंने योग की शुरुआत की थी, उसमें मुझे बहुत लाभ मिला।
जिस चश्मे का प्रयोग मैं कर रहा था, योग करने के कुछ महीने बाद, उसे लगाकर पढ़ने या काम करने में मुझे समस्या होने लगी, तब मैंने फिर से डॉक्टर के पास जाकर Eye Test करायी
मुझे लग रहा था कि शायद मेरा पावर फिर बढ़ गया है।
लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा, जैसा कि मुझे और मेरे डॉक्टर को भी हुआ था कि मेरे चश्मे का पावर बढ़ने के बजाय कुछ प्वांइट घट गया था, यही कारण था कि मुझे वह चश्मा लगाने में समस्या हो रही थी।
तब डॉक्टर ने भी मुझसे मुस्कुराते हुये कहा कि मैंने अपने जीवन में हजारों मरीजों की Eye Test की हैं और सभी में मैंने यही पाया है कि उनके चश्में का नंबर बढ़ रहा है,
पर आप पहले ऐसे मरीज हैं, जिनके चश्में का नंबर बढ़ने के बजाय घट रहा है, यह बहुत ही अच्छी बात है।
और तब से लेकर आज तक मैं प्रतिदिन योग करता हूं और इसी बीच एक बार फिर मुझे अपने चश्मे का पावर कम कराना पड़ा था।
आज स्थिति यह है कि बाहर जाते समय जल्दबाजी में अगर मैं चश्मा लगाना भूल भी जाउं तब भी मेरा काम चल जाता है, क्योंकि अब मुझे दूर की चीजें देखने में पहले जितनी कठिनाई नहीं होती है।
और दूसरा फायदा यह हुआ कि पहले किसी काम को करने में जल्दी थक जाया करता था और सारा दिन आलस्य में गुजर जाता था,
पर अब मैं पहले की अपेक्षा बहुत ज्यादा Energy से भरा रहता हॅू और पूरा दिन खुश रहता हॅू, जिसका एक मात्र कारण केवल और केवल योग ही है।
अगर मैं आपको योग करने के फायदे गिनाने लग जाउं तो यह लेख कभी खत्म ही नहीं होगा,
इसलिए बेहतर यही है कि आप अपने जीवन में योग को शामिल करें और उससे होने वाले फायदों को खुद ही अनुभव करके मुझे कॉमेंट बॉक्स में जरूर बतायें।
तो इस प्रकार योग का मेरी जिंदगी में एक विशेष स्थान हो गया, इसको आप ऐसे समझ सकते हैं कि जैसे सब्जी या दाल में नमक आवश्यक होता है,
ठीक वैसे ही मेरे जीवन में योग आवश्यक हो गया है।
किसी कारण से या अत्याधिक व्यस्तता के चलते यदि किसी दिन योग न कर पांउ तो
पूरे दिन ऐसा महसूस होता है जैसे अंदर कुछ अधूरापन है और शरीर में उर्जा की कमी महसूस होती है
इसलिए चाहे कितनी भी व्यस्तता क्यों न हो (कुछ विशेष परिस्थितियों को छोडकर) मैं हर दिन योग करता हॅू, भले ही आधा घंटा ही सही।
इसलिए अब आपको मेरी यही राय है कि आप अपने जीवन में योग को जरूर शामिल करें,
इससे आपके जीवन में बहुत बड़ा सकारात्मक बदलाव आयेगा, आपके अंदर का खालीपन धीरे-धीरे भरने लगेगा,
आप अपने आप से प्यार करने लगेंगे और आप अपनी खुशी के लिए दूसरों पर निर्भर रहना छोड़ देंगे।
शुरुआती स्तर पर थोड़ी-बहुत समस्यायें हो सकती हैं, लेकिन मैं आपको योग संबंधी महत्वपूर्ण सुझाव कथा स्टार Katha Star के माध्यम से समय-समय पर देता रहूंगा।
मुझे आशा है कि आप Yoga Day पर मेरी बातों को समझ गये होंगे और सहमत भी होंगे,
फिर भी इसके अतिरिक्त यदि आपके मन में कोई सवाल या सुझाव है तो आप हमें कॉमेंट के माध्यम से जरूर अवगत करायें।
आपने Yoga Day 2021 Special for Beginners Hindi लेख को अंत तक पढ़ा, इसके लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।