इस लेख के माध्यम से आप Shri Mridul Krishna Shastri Biography के बारे में विस्तार से जानेगें। गोस्वामी श्री मृदुल कृष्ण शास्त्री जी महाराज अध्यात्म जगत के एक ऐसे वक्ता है,
जिनके द्वारा कही गयी कथा को हर कोई सुनने के लिये उत्सुक रहता है। वैसे महाराज जी की कथा करने की शैली इतनी सौम्य है कि हर कोई कथा सुनकर आनंदित हो जाता है।
कथा स्टार Katha Star की टीम ने महाराज जी के जीवन से सम्बन्धित हर वह जानकारी जुटाकर आप तक पहुचाने का प्रयास किया है, जिसे आप जानने के उत्सुक है, तो फिर देर किस बात की, चलिये सबसे पहले जान लेते है कि-
श्री मृदुल कृष्ण शास्त्री जी का पूरा नाम | Mridul krishna shastri name
परम पूज्य सदगुरुदेव श्रद्घेय आचार्य गोस्वामी श्री मृदुल कृष्ण जी महाराज।
श्री मृदुल कृष्ण शास्त्री जी का जन्म | Mridul krishna shastri date of birth
आचार्य श्री मृदुल कृष्ण गोस्वामी जी का जन्म 15 वीं सदी के संत स्वामी श्री हरिदास जी महाराज के परिवार में श्रीधाम वृन्दावन में हुआ था।
स्वामी श्री हरिदास भारतीय शास्त्रीय संगीत के संस्थापक थे तथा प्रसिद्घ संगीतकार तानसेन के गुरु भी थे।
उन्हीं स्वामी श्री हरिदास जी महाराज के पावन कुल में महाराज श्री मृदुल कृष्ण शास्त्री जी का जन्म हुआ।
श्री मृदुल कृष्ण गोस्वामी जी महाराज का परिवार| Mridul Krishna Shastri ji Family
आचार्य श्री मृदुल कृष्ण गोस्वामी जी के पिताजी का नाम श्री मूल बिहारी जी और माताजी का नाम श्रीमती शांति गोस्वामी जी है।
महाराज जी के दो भाई हैं, जिनके नाम अतुल कृष्ण और विपुल कृष्ण हैं।
श्री मृदुल कृष्ण गोस्वामी जी महाराज की पत्नी | Mridul Krishna Shastri ji’s Wife
मृदुल कृष्ण जी की पत्नी का नाम श्रीमती वंदना गोस्वामी जी है।
मृदुल कृष्ण गोस्वामी जी के एक पुत्र हैं, जिनका नाम आचार्य श्री गौरव कृष्ण गोस्वामी जी है। वे भी अपने पिता की तरह भागवत कथा व भजन गायन किया करते हैं।
Mridul krishna shastri wikipedia
नाम | श्री मृदुल कृष्ण जी महाराज |
जन्म स्थान | वृन्दावन |
कार्य | भागवत कथा |
पत्नी का नाम | श्रीमती वंदना |
आश्रम का पता | श्री भागवत मिशन ट्रस्ट |
फेसबुक | https://www.facebook.com/MridulKrishanShastri/ |
वेबसाइट |
श्री मृदुल कृष्ण शास्त्री जी की शिक्षा
मृदुल ने अपने पिताजी श्री मूल बिहारी जी से ही भागवत, संस्कृत व व्याकरण की प्रारंभिक शिक्षा ली,
क्योंकि महाराज जी के पिता जी भी बहुत प्रसिद्घ भागवत वक्ता व कथावाचक थे। जिन्हें संस्कृत, आध्यात्म, भागवत व व्याकरण का बहुत ज्ञान था।
जो उन्हाेंने अपनी पारिवारिक प्रथा के अनुसार अपने पुत्र मृदुल को सहज ही प्रदान कर दिया था।
और अपने परिवार की उसी परंपरा को आगे बढाते हुये आचार्य मृदुल कृष्ण शास्त्री जी अपने पुत्र गौरव कृष्ण गोस्वामी जी को भी
संस्कृत, आध्यात्म, भागवत व व्याकरण का ज्ञान दे रहे हैं ताकि वे भी अधिक से अधिक लोगों तक भगवान का संदेश पहुंचा सकें।
मृदुल कृष्ण जी महाराज की प्रारंभिक शिक्षा श्री धाम वृन्दावन में ही सम्पन्न हुयी।
उसके बाद उन्होंने संस्कृत संपूर्णानंद विश्वविद्यालय काशी, वाराणसी, उत्तर प्रदेश से संस्कृत में मास्टर की डिग्री शास्त्री की उपाधि प्राप्त की।
मृदुल कृष्ण गोस्वामी जी महाराज का बचपन
कथा स्टार के प्रिय पाठको आप जान ही चुके हैं कि महाराज जी के कुल में एक से बढकर एक दिव्य संतों का आगमन हुआ है,
स्वामी श्री हरिदास जी महाराज के भक्ति भाव के कारण श्री बिहारी जी का विग्रह स्वरूप प्रकट हुआ था।
यह वही विग्रह स्वरूप है, जिसका हम श्री धाम वृन्दावन के श्री बांके बिहारी जी मंदिर में दर्शन किया करते हैं।
उस समय स्वामी श्री हरिदास जी महाराज श्री बांके बिहारी जी मंदिर में सेवा किया करते थे।
उनके बाद उनके पुत्र सेवा किया करते थे इसी प्रकार यह प्रथा उनके कुल में चली आ रही है
जिसके तहत पहले श्री मृदृल कृष्ण जी महाराज के पूज्य पिताजी श्री बांके बिहारी जी मंदिर के गोस्वामी थे, उनके बाद महाराज जी मंदिर में गोस्वामी हो गये और श्री ठाकुर जी की सेवा किया करते थे।
महाराज जी के बाद अब उनके पुत्र श्री गौरव कृष्ण गोस्वामी जी मंदिर के गोस्वामी हैं और श्री ठाकुर जी की सेवा करते हैं।
मृदुल कृष्ण जी ने मात्र 16 वर्ष की उम्र से ही कथा कहना प्रारंभ कर दिया था और अब तक 800 से ज्यादा कथायें कह चुके हैं।
बचपन से ही आध्यात्म के प्रति गहरी रुचि व पारिवारिक माहौल होने के कारण इन्होंने बहुत ही अल्पायु में भागवत व रामायण के कई श्लोकों व चौपाइयों को कंठस्थ कर लिया था।
मृदुल कृष्ण गोस्वामी जी महाराज की पहली कथा
जब महाराज जी 16 वर्ष के थे तब वे अपने पिताजी के साथ हरिद्वार गये थे, जहाॅ उन्होंने अपने जीवन की पहली कथा मां गंगा के सानिध्य में की थी।
लोगों को उनके द्वारा कही गयी भागवत कथा बहुत पसंद आयी, क्योंकि महाराज जी बडे भाव से कथा करते हैं।
इनकी कथा कहने की शैली बहुत ही सरल है जाे सीधे तौर पर श्रोताओं को भगवान से जोडती है।
मृदुल कृष्ण गोस्वामी जी का आश्रम
आचार्य श्री मृदुल कृष्ण जी महाराज ने श्रीमद भागवत कथा प्रचार को आगे बढ़ाते हुये तथा धर्मार्थ कार्यों के सुचारू रूप से आयोजनों के उददेश्य से ‘श्री भागवत मिशन ट्रस्ट‘ की स्थापना की,
जाे वृन्दावन में है, जिसे ‘श्री राधा स्नेह बिहारी आश्रम’ चला रहा है।
इस ट्रस्ट में अनाथ व गरीब बच्चों के भोजन व आवास की व्यवस्था की जाती है तथा गरीब कन्याओं का विवाह कार्यक्रम भी संपन्न कराया जाता है।
मृदुल कृष्ण गोस्वामी जी की गौशाला
आचार्य श्री मृदुल कृष्ण जी महाराज को गोवंश से बहुत लगाव है, जिसका जिक्र वे अक्सर अपनी कथाओं में भी किया करते हैं।
भगवान श्री कृष्ण को भी गायें बहुत प्रिय हैं, इसीलिए महाराज जी अपने भक्तों को भी एक-एक गाय अपने-अपने घर में पालने के लिए प्रेरित करते रहते हैं।
इसी परिप्रेक्ष्य में महाराज जी ने श्री धाम वृन्दावन में ही असहाय व लावारिश गायों के लिए ‘राधा रानी गौशाला’ की भी स्थापना करायी है
जिसमें वर्तमान में लगभग 150 गोवंश हैं, जिनके रहने, चारा-पानी व स्वास्थ्य की उत्तम व्यवस्था की गयी है तथा उनकी सेवा की जा रही है।
मृदुल कृष्ण शास्त्री जी के बारे में कुछ विशेष जानकारी
श्री भागवत मिशन ट्रस्ट ‘मृदुल चिंतन’ के नाम से मासिक पत्रिका प्रकाशित करता है, जिसमें महाराज जी के मन के भाव, समाज व देश के लिए संदेश, युवाओं को नयी दिशा जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर लेख प्रकाशित किये जाते हैं।
इसके अतिरिक्त महाराज जी के आगामी कार्यक्रमों की भी जानकारी पत्रिका में प्रकाशित की जाती है।
यह पत्रिका वर्ष २००३ से लगातार हर माह प्रकाशित की जाती है।
महाराज जी की संस्था ने अभी हाल ही में ‘आध्यात्म’ नामक टेलीविजन चैनल भी शुरु किया है, जिसमें महाराज जी की कथाओं और अन्य धार्मिक कार्यक्रमों का प्रसारण किया जाता है।
श्री मृदुल कृष्ण गोस्वामी जी महाराज एक प्रसिद्घ वक्ता व भागवत सरस प्रवाहक हैं इसलिए महाराज जी भागवत कथा देश में ही नहीं, अपितु विदेशों में भी होती हैं।
महाराज जी कथायें आध्यात्म चैनल के अतिरिक्त आस्था व संस्कार इत्यादि चैनलों पर भी प्रसारित की जाती है।
आचार्य मृदुल कृष्ण गोस्वामी जी के बेस्ट भजन | Mridul Krishna Goswami Best Bhajan
- आओ मेरी सखियों मुझे मेंहदी लगा दो
- हम प्रेम दीवानी हैं, वो प्रेम दीवाना
- रंग में कैसे होली खेलूंगी
- आज ब्रज में होली रे रसिया
- तेरी अंखियाॅ हैं जादू भरी
- जय जय राधा रमण हरि बोल
- श्याम मेरी चुनरी में लग गयो
- मधुराष्टकम अधरम मधुरम बदनम मधुरम
- मैं तो बांके की बांकी बन गयी
- कन्हैया ले चल परली पार
- मुझे चरणों से लगा ले
- लगी तुम संग यारी बांके बिहारी
Q. Mridul krishna shastri son name
Ans. Gaurav krishna shastri
चलते चलते
अब मुझे आशा है कि गोस्वामी श्री मृदुल कृष्ण शास्त्री जी का जीवन परिचय आपको पंसद आया होगा। अगर आपके मन कोई सवाल या सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताये।
Shri Mridul Krishna Shastri Biography लेख को अंत पढने के लिये आपका धन्यवाद।
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SHRIHARIDAS ANAND AA GAYA JI 🙏🙏🙏🙏🚩🚩🚩🚩🚩
धन्यवाद
Please mention the Date of bith of Shastri ji…
D. O. B. Is not elsewhere..