अक्सर आपने ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः Om Sarve Bhavantu Sukhinah का मंत्र कई लोगों को बोलते हुये सुना होगा, तो आपके मन में यह जरूर ख्याल आया होगा कि इस मंत्र का अर्थ क्या होतो है और यह किस पुराण या ग्रंथ में लिखा है।
इस लेख में आपको ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः मंत्र से जुडी सभी जानकारी पढनें को मिलेगी। वैसे आपकी जानकारी के लिये बता दे कि सनातन धर्म में मंत्रो का बहुत बताया गया है।
इसलिये जब भी आप कोई पूजा पाठ आदि करने जा रहे है तो मंत्र का उच्चारण जरूर करें। जैसे कि आप भोजन ग्रहण करने से पहले भोजन मंत्र का जरूर उच्चारण करें।
Om Sarve Bhavantu Sukhinah lyrics
ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः।
सर्वे सन्तु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु।
मा कश्चित् दुःख भाग्भवेत्॥
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः॥
Shanti paath ka arth |शान्ति पाठ का अर्थ
इस शान्ति पाठ का शाब्दिक अर्थ है कि हे प्रभु संसार के सभी प्राणी सुखी रहें, सभी प्राणी रोग आदि कष्टों से मुक्त रहें, संसार के सभी प्राणियों का जीवन मंगलमय हो और संसार का कोई भी प्राणी दुखी ना रहें। प्रभु ऐसी मेरी आपसे प्रार्थना है।
वैसे तो यह मंत्र भारत संस्कृति का उद्घोषक है। इस मंत्र को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी संयुक्त राष्ट्र संघ में बोला जिससे वर्तमान में ज्यादा प्रचलित है। यह मंत्र गरूण पुराण में वर्णित है। इस मंत्र का पाठ करने से मनुष्य के मन शांति का भाव उत्पन्न होता है, और ह्रदय में समस्त प्राणियों के प्रति प्रेम का भाव उत्पन्न होता है।
इस प्रकार आप इस मंत्र का उच्चारण करके अपने मन का शांति प्रदान कर सकते है। हमें आशा है कि यह जानकारी आपको पसंद आयी होगी। आपके मन में कोई सवाल या सुझाव है तो हमें कमेंट करके अवगत करायें, हम आपके कमेंट की प्रतीक्षा करते है।
ऐसे ही अध्यात्म से सम्बन्धित जानकारी पढने के लिये कथा स्टार से जुडे रहे। om sarve bhavantu sukhinah पढने के लिये आपका धन्यवाद।
अगर दिल खोल लेते वहां
यारों के साथ,
तो ना खोलना पड़ता
यहाँ औजरो के साथ!