बंधुओ, मैं katha star के माध्यम से आप सभी को भारत की पवित्र आध्यात्मिक धरती से जुड़े महान रसिकों और संतों के जीवन से रूबरु कराता हॅू, इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुये आज हम आपको Poonam Didi Biography जो
राधा रानी की दीवानी या फिर प्रिया प्रियतम का गुणगान करने वाली और सबके हदय में राज करने वाली आध्यात्म जगत की महान हस्ती बृज अनुरागी पूर्णिमा दीदी Poonam Didi के
जीवन के कुछ अनसुने अंश इस लेख के माध्यम से आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हॅू,
जिसे पढ़कर आप अनंदित होंगे, ऐसी मेरी आशा है।
जो सबके हदय का प्यारा होता है, उसको लोग अपने दिये हुये नामों से बुलाते हैं।
ऐसा ही पूर्णिमा दीदी के साथ भी है। कई लोग पूर्णिमा दीदी Purnima Didi को पूनम दीदी Poonam Didi और कई लोग उन्हें बृज अनुरागी के नाम से बुलाते हैं।
पूर्णिमा दीदी, युगल सरकार का हदय की गहराइयों से कुछ इस प्रकार गुणगान करती हैंं, जिसे सुनकर लोग झूम जाते हैं और अपने आंसुओं को भी नहीं रोक पाते हैं।
लेकिन जब यह बात दीदी से पूछी जाती है कि आप महफिल में ऐसा क्या कर देती हैं, जिससे लोग अपने आप को रोने से नहीं रोक पाते हैं, तो वो कहती हैं-
रीझ जायें जब भक्त पर, तो क्या देवे यदुवीर।
रोना धोना सिसकना, बस आहों की जागीर।।
कबीरा हांसी छाड़ दे, रोने से कर प्रीत।
रोने से ही पाइये, परम पियारा मीत।।
इस प्रकार वह अपनी भावनाओं को इन शब्दों के माध्यम से प्रकट करती हैं।
अगर बात की जाये Poonam Didi के जीवन के बारे में तो प्राय: यह देखा जाता है कि कोई भी भजन गायक या कथावाचक अपने स्वयं के प्रचार में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते हैं,
लेकिन यहॉ बात एकदम उलट है, हमारी बृज अनुरागी पूनम दीदी से जब उनके जन्म, शिक्षा दीक्षा, गुरु, निवास व जीविका आदि के बारे में पूछा जाता है तो वे सिर्फ एक ही जवाब देती हैं कि
जब हम प्रिया प्रियतम के हो गये तो हमारी पहचान खो गयी। मेरी पहचान तो लाडले प्रियतम की याद और उसका नाम है तथा मेरा पता प्रिया प्रियतम की गलियॉ हैं और मेरे जीवन का आधार राधा नाम है।
उनका यही भाव तो लोगों को खूब पसंद आता है और जहॉ भी Poonam Didi भजन संध्या करने जाती हैं वहॉ लोगों का हुजूम नजर आता है।
मैंने बहुत कोशिश की कि कुछ जानकारियॉ दीदी के जीवन के बारे में एकत्रित कर आप सभी को अवगत कराउं, लेकिन कुछ ही जानकारियॉ मिल पायी हैं, जिसे मैं आगे आपको बता रहा हूं।
Poonam Didi Date of Birth (पूर्णिमा दीदी का जन्म) :-
दीदी का जन्म 10 जुलाई 1972 को हुआ था। जब वे 08 साल की थी तब श्री बिहारी जी उनके सपने में आये और आदेश दिया कि अब तुम्हें हरिनाम संकीर्तन की रसधारा जनमानस तक प्रवाहित करना है।
10 दिसम्बर 1996 में Poonam Didi पहली बार वृन्दावन आयी और वृन्दावन में विराजे श्री बिहारी जी और बरसाना धाम में विराजी श्री लाडली जू के दर्शन किये
और दर्शन करने मात्र से उनका मन रोमांचित हो उठा और उनके हदय में यह भाव उत्पन्न हुआ कि दुनिया में अब तेरा कोई नहीं है, जो कुछ है वो यहीं बृजधाम में है।
दीदी को वर्ष 2000 में श्री बिहारी जी, लाडली जी, माता-पिता, आचार्यों, संतों की कृपा से बृज में वास मिल गया और तब से लेकर आज तक पूर्णिमा दीदी बरसाना धाम में ही निवास कर रही हैं।
बृजधाम से ही दीदी अपने सभी कार्यक्रमों को संचालित करती हैं, जिस किसी को भी कार्यक्रम हेतु जानकारी लेना हो वो 9212050500 मोबाइल नंबर पर संपर्क करके प्राप्त कर सकता है।
पूर्णिमा दीदी (Poonam Didi) का भक्तों को संदेश:-
दीदी हमेशा यही बात कहती हैं कि प्रिया प्रियतम से जो उनका प्रेम रहा है वह एक जन्म का नहीं, अपितु जन्म जन्मांतर का है।
पूनम दीदी (Poonam Didi) का कहना है कि सांसारिक पढाई बचपन में शुरु होती है और पढ़ाई खत्म करके हम ग्रहस्थ जीवन में प्रवेश करते हैं
फिर आगे का जीवन जीते हुये एक दिन शरीर समाप्त हो जाता है और अगले जन्म में फिर नया जीवन शुरु होता है
और फिर से वही प्रक्रिया शुरुआत से शुरु हो जाती है मतलब हर बार वही प्रक्रिया होती है, लेकिन जो हमारी आध्यात्मिक यात्रा होती है उसका नियम कुछ इस प्रकार होता है कि
इस जीवन में जहॉ हमारी आध्यात्मिक यात्रा का विश्राम होता है अगले जन्म में उसी से आगे प्रारंभ होता है, ना कि शुरुआत से।
इसी प्रकार उनके उपर भी श्री लाडली जू और श्री बिहारी जू की कृपा इस जन्म से ही नहीं, बल्कि कई जन्मों से है और इस बात को उन्होंने महसूस भी किया है।
पूनम दीदी (Poonam Didi) हमेशा अपने भक्त रसिक जनों को यही संदेश देती हैं कि आप जीवन में कुछ भी कार्य करें,
लेकिन प्रभु के चरणों में प्रेम बनाये रखें, इससे आगे की यात्रा सुगम हो जाती है और एक न एक दिन भगवान हमें वात्सल्य भाव से भर देते हैं।
Poonam Didi wikipedia
नाम(Name) | पूर्णिमा दीदी |
जन्म तिथि (Birth Date) | 10 जुलाई 1972 को हुआ |
गुरू का नाम | ——— |
कार्य | भजन कार्यक्रम |
फेसबुक पेज | https://www.facebook.com/poornima.didi/ |
पता | बरसाना वृन्दावन(UP) |
Contact Number | +91 92120 50500, 92165 53564 |
फीस | मैनेजर से संपर्क करें |
पूर्णिमा दीदी (Poonam Didi) की टीम:-
अगर बात करें दीदी की टीम के बारे में तो उसमें सबसे बड़ी भागीदारी में कोई नजर आता है तो वो करण कौशल जी हैं, जो अपने संगीत के अनुभव से दीदी के पीछे बैठकर भजन में चार चॉद लगाया करते हैं।
वह संगीत में इतने पारंगत हैं कि बहुत कुशल तरीके से दीदी के साथ भजनों में कोरस करते हैं। जो बहुत ही काबिले तारीफ है।
क्योंकि पूनम दीदी (Poonam Didi) की आवाज और उनका स्वर इतना उंचा होता है, जिसको हर कोई गाने में परफेक्ट नहीं होता है,
लेकिन करण कौशल जी इतनी आसानी से उसी स्वर से भजन में कोरस करते हैं, जिसका कोई मुकाबला नहीं है।
वैसे तो पूनम दीदी (Poonam Didi) की आवाज साधारण तरीके से देखा जाये तो प्रसिद्ध गायिका मालिनी अवस्थी जी से मिलती है, जो हमेशा उंचे स्वर में गाने वाली गायिका के रूप में जानी जाती हैं।
बात करें उनकी टीम में अन्य सदस्यों की तो सभी की भागीदारी लगभग-लगभग समान हैं और सभी अपना दायित्व पूर्ण जिम्मेदारी के साथ निभाते हैं, जिससे दीदी के भजनों में भावरस की मात्रा बढ़ जाती है।
पूर्णिमा दीदी की सादगी:-
अगर बात की जाये पूनम दीदी (Poonam Didi) की सादगी के बारे में तो आप सभी ने बहुत सी भजन गायिका को देखा होगा,
लेकिन जितने व्यवस्थित और सुसंगत कपड़े दीदी जी धारण करती हैं वह शायद ही कोई भजन गायिका करती हो।
यही बात दीदी को सबसे अलग बनाती है। वो कभी भी अपने भजन कार्यक्रमों में कोई बाह्य प्रदर्शन नहीं करती हैं,
उनका सारा प्रयास भक्तों के हदय को रस प्रवाह से सिंचित करने का होता है, जो बहुत ही अद्भुत है।
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पूर्णिमा दीदी (Poonam Didi) के विचार:-
- मेरी जिंदगी में क्या था तेरी बंदगी से पहले,
मैं बुझा हुआ दिया था तेरी रोशनी से पहले,
मेरी जिंदगी थी ऐसी जैसे खाली होती सीपी,
मेरी कीमत बढ गयी है तूने भर दिये हैं मोती।
- द्वापर युग में भगवान ने बृज में अवतार लिया था और लीलाये की थी, लेकिन मैंने यह महसूस किया है कि ठाकुर जी आज भी बृज में लीला करते हैं।
- वृन्दावन धाम बिहारी जी के चाहने वालों का निज धाम है।
- हमने इतना किया नहीं, जितना श्री जी ने हमें दिया है।
- इतना वात्सल्य दुनिया में और कहीं नहीं, जितना वृन्दावन धाम में है।
- मैं जब तक बिका न था तो कोई पूछता ना था, तुमने खरीद कर मुझे अनमोल कर दिया।
- राधा नाम जपना मेरा होमवर्क बन गया है।
- एक बार राधा नाम लेने से समाधि लग जाये, वो है राधा नाम का लेना।
- रा रा कहकर गद गद होवे, धा कहने की बार न पहुंचे, ठाकुर कृपा तुम तब ही जानो, प्रेम दशा जब या विधि पहुंचे।
- राधा नाम को प्रचार की आवश्यकता नहीं है।
- अब दौड़ भीड़ की नहीं, एकांत की है।
- हम श्रीजी के यहॉ के चाकर हैं।
पूर्णिमा दीदी के बेस्ट भजन (Poonam Didi Best Bhajan):-
- मैंने मोहन को बुलाया है वो
- तेरे बिना घनश्याम मेरा दिल
- ये तो बता बरसाने वाली
- ऐसी होरी तोहे खिलाउं
- तूने कीनो जुलम रंग डार
- मुश्किल है सहन करना
- राधे राधे बोल श्याम आयेंगे
- इस बार हमरे सांवरे नजरें मिलाइये
- आशा रख पगली हरि आयेंगे
- आसरा इस जहॉ का मिले न मिले
पूर्णिमा दीदी के प्रति मेरे भाव:-
वैसे तो मुझे अनेक भजन गायकों को सुनने का अवसर मिला है। बात है श्री विनोद अग्रवाल जी की पुण्यतिथी कार्यक्रम की,
जहॉ मैंने पूर्णिमा दीदी को पहली बार लाइव स्टेज पर सुना था तो मुझे एक अलग ही आनंद प्राप्त हुआ, जिसको शब्दो में बयां नहीं किया जा सकता,
लेकिन इतना जरूर कहूंगा कि आप कितने भी बंधनों से बंधे हों पर दीदी के भजनों को सुनने के बाद आप अपनी अश्रुधारा को नहीं रोक पायेंगे,
क्योंकि उनके भजनों में युगल सरकार के प्रति इतना प्रेमपूर्ण भाव होता है, जिसे सुनकर मन हर्षित हो उठता है और भगवान से मिलने की तीव्र उत्कंठा होने लगती है।
अगर आपने Poonam Didi के भजनों को सुना है या फिर सुनेंगे तो मेरा विश्वास है कि आपके भी मन में कभी न कभी ऐसा भाव अवश्य आया होगा,
तो बस यही उनके प्रति मेरे भाव थे जिसको मैंने आपके साथ साझा किया।
अगर आपको मेरा यह प्रयास पसंद आ रहा हो या फिर आपके मन में कोई सवाल या सुझाव है तो हमें कमेंट करके अवगत जरूर करायें। हम आपके कमेंट का इंतजार करते हैं।
Poonam Didi Biography लेख को पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद।